बीएसए साहब! क्या शिक्षकों को नही लगती ठंड
बर्फ जमा देनी बाली सर्दी में बच्चों का अवकाश लेकिन गुरु जी को पहुंचना स्कूल
शिक्षक संघ के नेताओं मिली हुई छूट, जिसकी बजह से नही होरा विरोध
Aradhyanews.com
शाहजहांपुर। मुँह से निकली सांसो की बर्फ जमा देनी बाली सर्दी में बेसिक के स्कूलों समेत लगभग सभी बोर्डो में शीत लहर का अवकाश घोषित किया जा चुका है। शीत लहर का प्रकोप पिछले लगभग 15 दिनों से रिकॉर्ड तोड़ जारी है। प्रशासन की ओर से दो-दो चार-चार दिन करके बच्चों का अवकाश बढ़ाया जा रहा है। लेकिन अध्यापको की सुध लेने बाला कोई नही है। जब स्कूल में बच्चे नही पहुंच रहे है तो स्कूलों में शिक्षकों का क्या काम। लेकिन हाड़ कंपा देनी बाली सर्दी में शिक्षकों को भी दो चार होना पड़ रहा हैं सबसे ज्यादा समस्या का सामना उन शिक्षकों को होता है जो मिर्जापुर, जलालाबाद, बंडा, खुटार तक जाना पड़ता है। जबकि अहम बात यह है कि अभी बीते दिन ही विकास खण्ड भावलखेड़ा के बीबीपुर गांव के प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका सविता सागर स्कूटी चलाते हुए गिर गई जहाँ उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां डॉक्टरों ने उन्हें सर्दी लगना बताया। लेकिन उसके बाद भी विभाग नही चेता और शिक्षकों को भयंकर शीत लहर होने के बाद भी मजबूरन विद्यालय जाना पड़ रहा है।
!!शिक्षक नेताओं पर कोई नियम नही होते लागू!!
नाम न छापने की बात कहकर शिक्षकों ने बताया कि जब स्कूल में बच्चे नही आयेंगे तो वह लोग क्या करेंगे। उन्होंने बताया कि स्कूल जाकर शिक्षक भी ठंड से ठिठुरने के सिवाय कुछ कार्य नही होता है। लेकिन विभाग के अड़ियल रुख की बजह से उन लोगों को मजबूर होकर विद्यालय जाना पड़ता है। वही कुछ लोग बताते हैं कि शिक्षक संघ नेताओं का स्कूल जाना होता नही है जिससे शिक्षक संघ इसका विरोध भी नही कर रहे है। उन्हें पूरी छूट मिली हुई है।जिस बजह से आम शिक्षकों के लिए शीत लहर अवकाश घोषित नही किया जा रहा है। अगर शिक्षक नेताओं को विद्यालय जाना पड़ता तो अब तक शिक्षको के लिए अवकाश की घोषणा हो गई होती।
बर्फ जमा देनी बाली सर्दी में बच्चों का अवकाश लेकिन गुरु जी को पहुंचना स्कूल
शिक्षक संघ के नेताओं मिली हुई छूट, जिसकी बजह से नही होरा विरोध
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शाहजहांपुर। मुँह से निकली सांसो की बर्फ जमा देनी बाली सर्दी में बेसिक के स्कूलों समेत लगभग सभी बोर्डो में शीत लहर का अवकाश घोषित किया जा चुका है। शीत लहर का प्रकोप पिछले लगभग 15 दिनों से रिकॉर्ड तोड़ जारी है। प्रशासन की ओर से दो-दो चार-चार दिन करके बच्चों का अवकाश बढ़ाया जा रहा है। लेकिन अध्यापको की सुध लेने बाला कोई नही है। जब स्कूल में बच्चे नही पहुंच रहे है तो स्कूलों में शिक्षकों का क्या काम। लेकिन हाड़ कंपा देनी बाली सर्दी में शिक्षकों को भी दो चार होना पड़ रहा हैं सबसे ज्यादा समस्या का सामना उन शिक्षकों को होता है जो मिर्जापुर, जलालाबाद, बंडा, खुटार तक जाना पड़ता है। जबकि अहम बात यह है कि अभी बीते दिन ही विकास खण्ड भावलखेड़ा के बीबीपुर गांव के प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका सविता सागर स्कूटी चलाते हुए गिर गई जहाँ उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां डॉक्टरों ने उन्हें सर्दी लगना बताया। लेकिन उसके बाद भी विभाग नही चेता और शिक्षकों को भयंकर शीत लहर होने के बाद भी मजबूरन विद्यालय जाना पड़ रहा है।
!!शिक्षक नेताओं पर कोई नियम नही होते लागू!!
नाम न छापने की बात कहकर शिक्षकों ने बताया कि जब स्कूल में बच्चे नही आयेंगे तो वह लोग क्या करेंगे। उन्होंने बताया कि स्कूल जाकर शिक्षक भी ठंड से ठिठुरने के सिवाय कुछ कार्य नही होता है। लेकिन विभाग के अड़ियल रुख की बजह से उन लोगों को मजबूर होकर विद्यालय जाना पड़ता है। वही कुछ लोग बताते हैं कि शिक्षक संघ नेताओं का स्कूल जाना होता नही है जिससे शिक्षक संघ इसका विरोध भी नही कर रहे है। उन्हें पूरी छूट मिली हुई है।जिस बजह से आम शिक्षकों के लिए शीत लहर अवकाश घोषित नही किया जा रहा है। अगर शिक्षक नेताओं को विद्यालय जाना पड़ता तो अब तक शिक्षको के लिए अवकाश की घोषणा हो गई होती।

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